This is one of my favourite compositions, It is written and composed by me
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तू दिल और तू ही है मेरी जान,
ख्वाहिशें अन्कहीं कुछ रूठे से है अरमान।
फिर भी ना जाने क्यों दिल करेय है पुकार,
होंठों पे आया क्यों फिर से है तेरा नाम।
तू ही जिन्दगी है, तू ही बंदगी है, तू ही आरजू है, तू ही जुस्तुजू,
तू है दिल कि आस, तू है मेरी प्यास, तू है दिल के मेरे अरदास,
कैसे कहूं, अब तुझसे मैं यह दास्ताँ ओ साजना, कैसे करू पूरी मुराद यह तो बता ओ साजना।
तू नहीं है ना है तेरा रुप, अब दिल है मेरा जैसे तनहा तनहा,
ख्वाहिशें और आरजू, सब हो गए जैसे फन्हा फन्हा,
गीतों में तू , और लाव्जों में तू, मेरी हर वोह एक, सरगम में है तू,
तू ही मेरा दिल और तू ही है मेरी जान,
ख्वाहिशें अन्कहीं कुछ रूठे से है अरमान।....
अब क्या कहूं तुमसे कितना प्यार है जो ना कहूं तो है बेहतर जाना,
चिर दूं दिल, कह भी दूं, तो भी ना यकीन होगा तुझको जाना,
ख़्वाबों में ही और लम्हों में ही उम्मीदें मेरी अब जगती रहीं,
खावाबों में ही अब मेरा दिल जियेगा,
लम्हों में ही अब मेरी प्रीत होगी ।
तू ही जिन्दगी है, तू ही बंदगी है, तू ही आरजू है, तू ही जुस्तुजू,
तू है दिल कि आस, तू है मेरी प्यास, तू है दिल के मेरे अरदास,
कैसे कहूं, अब तुझसे मैं यह दास्ताँ ओ साजना, कैसे करू पूरी मुराद यह तो बता ओ साजना।
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3 comments:
अच्छी कविता.
हिन्दी में नियमित लेखन हेतु शुभकामनाएँ :)
gr8 work buddy (applauuse)
keep it up.
thanks for the appreciation
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